कृष्णादि चूर्ण:-
घटक:- पीपल, सोंठ, बेलगिरी, नागरमोथा और अजवायन|
मात्रा और अनुपान:- 6 से 9 महीने की उम्र तक मेथी के दाने के बराबर, बाद में 2 चुटकी चने के बराबर सुबह-शाम तथा दोपहर को शहद मिलाकर दें।
परहेज:- दूध ही पिलाए या थोडा हल्का भोजन दे |
गुण और उपयोग–इसके सेवन से छोटे-छोटे बच्चों को दूध न पचना, पेट फूलना या दर्द होना, ज्वर, सर्दी, खांसी आदि दूर हो जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को प्रायः दूध की खराबी से या दाँत निकलते समय फटा-फटा दस्त होने लगता है। बच्चा दिन-दिन दुबला और कमजोर होता चला जाता है। इसमें दस्त सफेद, खुरदरे और फटे-फटे से आते है । कभी पेट भी फूल जाता और दर्द करने लगता है। बच्चों का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाना, ज्यादे रोते ही रहना आदि लक्षण होते हैं। यह अवस्था बच्चों के लिए बहुत भयंकर होती है। कभी-कभी इसी रोग के कारण सूखा रोग भी बच्चे को पकड़ लेता है। यह बच्चों की आंतों को मजबूत कर दस्त बांध देता है, जिससे दस्त कम लगते हैं और धीरे-धीरे बच्चा स्वस्थ हो जाता है। अतः इन उपद्रवों से बचाने के लिये कृष्णादि चूर्ण का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
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